हनुमान जी, जिन्हें पवनपुत्र, अंजनेय, बजरंगबली, और महावीर के नामों से जाना जाता है, हिंदू धर्म में शक्ति, भक्ति और समर्पण के प्रतीक हैं। वे भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार माने जाते हैं और भगवान राम के परम भक्त के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका चरित्र साहस, निःस्वार्थ सेवा और अद्वितीय शक्ति का प्रतीक है।
हनुमान जी का जन्म
हनुमान जी का जन्म माता अंजना और पिता केसरी के घर हुआ। उनके जन्म की कथा अद्भुत है।
- माता अंजना एक अप्सरा थीं, जो एक ऋषि के श्राप से वानरी रूप में जन्मीं। वे तपस्या करके भगवान शिव से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांग रही थीं।
- भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर रुद्र रूप में उनके पुत्र के रूप में जन्म लिया।
- उनके जन्म में पवन देव (वायु देवता) का विशेष योगदान है। इसलिए उन्हें पवनपुत्र कहा जाता है।
हनुमान जी का स्वरूप
हनुमान जी को वानर रूप में चित्रित किया गया है। उनका स्वरूप कुछ इस प्रकार है:
- लंबी पूंछ और बलिष्ठ शरीर।
- सिर पर स्वर्ण मुकुट और गदा धारण किए हुए।
- उनका मुख लालिमा लिए हुए और नेत्र तेजस्वी हैं।
हनुमान जी की शक्तियाँ और विशेषताएँ
- अपरिमित बल: वे अद्वितीय बल और पराक्रम के धनी हैं।
- ज्ञान और विवेक: हनुमान जी को वेद और शास्त्रों का गहरा ज्ञान है।
- अजर-अमर: उन्हें भगवान राम ने अमरत्व का वरदान दिया था।
- रामभक्ति: उनकी भक्ति भगवान राम के प्रति अतुलनीय है। वे "राम नाम" का जाप ही अपना सर्वस्व मानते हैं।
प्रमुख कथाएँ
1. सूर्य को निगलना
हनुमान जी ने बाल्यकाल में सूर्य को एक लाल फल समझकर निगलने का प्रयास किया। इससे पूरी सृष्टि में अंधकार फैल गया। देवताओं के अनुरोध पर उन्होंने सूर्य को छोड़ दिया।
2. शक्ति का आशीर्वाद
जब हनुमान जी ने अपनी शक्तियों का उपयोग शरारत करने में किया, तो ऋषियों ने उन्हें भूल का शाप दिया। बाद में, उनकी शक्तियाँ उन्हें तभी याद आईं जब कोई उन्हें उनकी क्षमता के बारे में याद दिलाता।
3. रामायण में योगदान
- सीता की खोज: उन्होंने लंका जाकर सीता माता को भगवान राम का संदेश दिया।
- लंका दहन: अपनी पूंछ में आग लगाकर उन्होंने लंका का विध्वंस किया।
- संजीवनी बूटी लाना: लक्ष्मण के मूर्छित होने पर, उन्होंने द्रोणगिरि पर्वत उठाकर संजीवनी बूटी पहुंचाई।
हनुमान चालीसा और पूजा
हनुमान चालीसा का पाठ उनकी भक्ति में किया जाता है।
- हनुमान जी की पूजा में सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित किया जाता है।
- मंगलवार और शनिवार उनके लिए विशेष दिन माने जाते हैं।
हनुमान जी का महत्व
हनुमान जी साहस, निःस्वार्थता, और भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी कथाएं हमें यह सिखाती हैं कि अपने कर्तव्यों और भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
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